Monday, March 22, 2010

कुछ अल्फाज़

पैबस्त हैं दिल में यादें तेरी, करता हूँ जिनसे मैं बातें तेरी,
अब तो एहसास तेरा हवाओं में है, दूर है तू फिर भी निगाहों में है,
मेरी रगों में तेरा प्यार बहता है, धडकनों को तेरा इंतज़ार रहता है,
है चेहरा तेरा दिल की हर एक दीवार पे , और बैठे हैं ख्वाब तेरे मन के हर एक तार पे,




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