Sunday, February 12, 2012

अश्क

तेरी आँखों के अश्क मेरी आँखों से गिरते रहे,
कुछ इस तरह हम जीते रहे मरते रहे,

रह रह के जो उड़ती थी खुशबु दामन से हयात की,
उन सोंधे लम्हों को अब हर लम्हा तरसते रहे...

No comments: